कामकाजी महिलाओं कीसमस्या
कार्य करने के बादअधिकार संपन्न महिलाओं के अवसाद में जाने की आशंका पुरुषों के मुक़ाबले ज़्यादा होती हैं,पुरुषों को अधिकार, जैसे कि लोगों को रखने और निकालने के, मिलने वाली अधिकारके लक्षण घट जाते हैं। इस शोध के लिए 3000 अधेड़ महिलाओं और पुरुषों से बात की गई।
वैज्ञानिकों ने 1993 और 2004 मेंविस्कॉन्सिन हाईस्कूल के 1400 पुरुष और 1600 महिला स्नातकों से फ़ोन पर तब बात की थी ।प्रतिभागियों से नौकरी में अधिकार और उन दिनों के बारे में पूछा जब उन्हें अवसाद के लक्षण महसूस हुए- जैसे कि उदास महसूस करना और यह सोचना कि उनकी ज़िंदगी नाकाम हो गई है। जिन महिलाओं के पास नौकरी में रखने, निकालने, वेतन को प्रभावित करने के अधिकार थे, उनमें ऐसी महिलाओं के मुक़ाबले अवसाद के लक्षण नौ फ़ीसदी ज़्यादा नज़र आए, जिनके पास ये अधिकार नहीं थे।
बहुत सारे कारण हो सकते हैं
ऐसे दूसरे कारकों को नियंत्रित किया जिनकी वजह से अवसाद हो सकता है, जैसे कि हफ़्ते में कितने घंटे काम करना पड़ा, क्या काम करने के घंटे ज़रूरत के अनुसार बदले सकते हैं और कर्मचारियों को कितनी बार उनके निरीक्षक देखते हैं, आदमियों में यह तय करने की संभावना महिलाओं के मुक़ाबले ज़्यादा होती है कि कब काम शुरू करना है और कब बंद। इसके अलावा उनके वरिष्ठ उन पर लगातार नज़र भी नहीं रखते। महिला बॉस के तनावनकारात्मक सामाजिक बर्ताव और रूढ़िवाद, पूर्वाग्रह, अकेलेपन के साथ ही सहयोगियों और वरिष्ठों से प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है। more >>
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